मुझे खर्ची में पूरा एक दिन , हर रोज़ मिलता है
मगर हर रोज़ कोई छीन लेता है ,
झपट लेता है, अंटी से
कभी खीसे से गिर पड़ता है तो गिरने की
आहट भी नहीं होती ,
खरे दिन को भी खोटा समझ के भूल जाता हूँ में
गिरेबान से पकड़ कर मांगने वाले भी मिलते हैं
"तेरी गुजरी हुई पुश्तों का कर्जा है , तुझे किश्तें चुकानी है "
ज़बरदस्त कोई गिरवी रख लेता है , ये कह कर
अभी 2-4 लम्हे खर्च करने के लिए रख ले ,
बकाया उम्र के खाते में लिख देते हैं ,
जब होगा , हिसाब होगा
बड़ी हसरत है पूरा एक दिन इक बार मैं
अपने लिए रख लूं ,
तुम्हारे साथ पूरा एक दिन
मगर हर रोज़ कोई छीन लेता है ,
झपट लेता है, अंटी से
कभी खीसे से गिर पड़ता है तो गिरने की
आहट भी नहीं होती ,
खरे दिन को भी खोटा समझ के भूल जाता हूँ में
गिरेबान से पकड़ कर मांगने वाले भी मिलते हैं
"तेरी गुजरी हुई पुश्तों का कर्जा है , तुझे किश्तें चुकानी है "
ज़बरदस्त कोई गिरवी रख लेता है , ये कह कर
अभी 2-4 लम्हे खर्च करने के लिए रख ले ,
बकाया उम्र के खाते में लिख देते हैं ,
जब होगा , हिसाब होगा
बड़ी हसरत है पूरा एक दिन इक बार मैं
अपने लिए रख लूं ,
तुम्हारे साथ पूरा एक दिन
बस खर्च
करने की तमन्ना है !!
करने की तमन्ना है !!